फ्री मैरिज मुहूर्त कैलकुलेटर
जाने मैरिज (शुभ विवाह) का शुभ मुहूर्त वर और वधु के जन्मतिथि, समय और स्थान के आधार पर, मैरिज मुहूर्त कैलकुलेटर के द्वारा। नीचे दिए गए फॉर्म से आप हमें वर और वधु की जन्म तारीख, जन्म का समय और जन्म का स्थान भेजें हम दोनों लोगो की कुंडली देखकर सबसे उत्तम विवाह का मुहूर्त बताएँगे।
शुभ विवाह मुहूर्त के लिए ध्यान देने योग्य बातें
हिन्दू विवाह मुहूर्त पंचांग शुद्धि के बाद निकाला जाता है। पंचांग शुद्धि ने न केवल विवाह की तिथि का पता चलता है बल्कि विवाह का समय भी पता चलता है।
शुभ विवाह के मुहूर्त के लिए नक्षत्र, योग, और कर्ण शुद्धि का विशेष ध्यान दिया जाता है। विवाह के लिए चंद्र मास और सूर्य मास में से सिर्फ सूर्य मास को शुभ माना जाता है लेकिन सूर्य मास में चतुर्मास में विवाह मुहूर्त नहीं कैलकुलेट किये जाते है।
विवाह मुहूर्त के लिए तिथि, नक्षत्र, वार, राहु काल, इत्यादि का ध्यान रखा जाता है। विवाह मुहूर्त्तों के साधन में लत्ता, पात, युति, वेध, जामित्र, पंचबाण, एकार्गल, उपग्रह, क्रान्तिसाम्य और दग्धातिथि-इन दश दोषों का विचार करके निर्णय लेना आवश्यक है। इन दस दोषों का विचार करके ही विवाह मुहूर्त दिए जाते हैं । इन दस महादोषों में से वेध, मृत्युबाण तथा क्रान्तिसाम्य-ये तीन महादोष अपरिहार्य होने से विवाह में सर्वत्र सर्वथा वर्जित हैं-शेष सात दोषों में से चार से अल्प दोष रहने पर वे विवाह-मुहूर्त की लग्न-शुद्धि से नष्ट हो जाते हैं।
हम जो विवाह का मुहूर्त आपको बताएँगे वह पूर्ण रूप से शुद्ध और शुभ होंगे।
विवाह के लिए शुभ मुहूर्त क्यों जरुरी है ?
विवाह को एक नए जीवन की शुरुआत माना जाता है। विवाह में मुहूर्त का बहुत महत्व है क्योंकि यह अधिकतम अनुकूलता (maximum compatibility) और अच्छे जीवन के लिए शुभ समय और तिथि को बताता है।
किसी भी प्रकार की अड़चन या अवरोध का प्रभाव विवाह संस्कार पर नहीं पड़ता यदि विवाह का मुहूर्त सर्वोत्तम है तो, इसलिए मंगलमय और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए शुभ विवाह मुहूर्त आवश्यक है।
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